चाहत को बुना है कुछ यूँ
जैसे चिड़िया बुनती है
घोंसले किसी शाख पर
उसमे छिपाया है
अपना हर बार का मिलना
उस दोपहर का चूमना
तुम्हारी मचलती उंगलिया
मेरा धड़कता सीना
और चाहत है
की तुम इस चाहत को
अपना लो या
गला खोंटकर यहीं दफना दो
कहीं प्रेम से बुनी ये चाहत
आत्मघाती हमले की तरह
निर्दयी ना हो जाए
और ना पकड़ ले
सनक का रास्ता
इस रास्ते की हर नई सीडी पर रखा कदम
तोड़ चुका होगा वापिस की पुरानी सीडी
वहाँ बंद हो चुका होगा
प्रेम का हर दरवाजा
फिर होगी
तो सिर्फ
हार और जीत
तुम्हें पाने की
वहाँ तुम नहीं होगी
मेरी खोसले सी बुनी चाहत नहीं होगी
होगी तो सिर्फ सनक
तुम्हें पाने की
जैसे चिड़िया बुनती है
घोंसले किसी शाख पर
उसमे छिपाया है
अपना हर बार का मिलना
उस दोपहर का चूमना
तुम्हारी मचलती उंगलिया
मेरा धड़कता सीना
और चाहत है
की तुम इस चाहत को
अपना लो या
गला खोंटकर यहीं दफना दो
कहीं प्रेम से बुनी ये चाहत
आत्मघाती हमले की तरह
निर्दयी ना हो जाए
और ना पकड़ ले
सनक का रास्ता
इस रास्ते की हर नई सीडी पर रखा कदम
तोड़ चुका होगा वापिस की पुरानी सीडी
वहाँ बंद हो चुका होगा
प्रेम का हर दरवाजा
फिर होगी
तो सिर्फ
हार और जीत
तुम्हें पाने की
वहाँ तुम नहीं होगी
मेरी खोसले सी बुनी चाहत नहीं होगी
होगी तो सिर्फ सनक
तुम्हें पाने की