Saturday 4 January 2014

बिस्तर से ऊपर उठती आज कि औरत

बिस्तर से ऊपर उठती आज कि औरत

आज खुछ बात दिल से , कसम उस चहीती पड़ोसन की जिसने मुझे 3 बार मना किया। जरूर पढे और मुझे ठीक करे , अपनी राय सांझा करने वाले को मेरी तरफ से धूम्रपान छोड़ने के लिए खास टिप 
बहुत अच्छा लगता है जब किसी महिला को मर्दो का काम करते देखता हु , दिल को खुशी होती है, वो डीटीसी मे महिला कंडक्टर हो सकती है , रेलवे मे कुली हो सकती है , ऑटो रिक्शा चालक हो सकती है , बार्डर पर हमारी सुरक्षा कर सकती है
इसमे कोई शक नहीं की आज की औरत अपनी देह को लेकर लिब्रेट हुई है , वो अपनी मर्जी से चुनने लगी है की किस के साथ सोना है या नहीं । ये ज्वलंत सच्चाई है की अगर औरत को आगे बढ़ना है तो मर्दो को कुचलना पड़ेगा । हम मर्दो ने औरत को सालो साल शहद की तरह चाटा है और शर्बत की तरह पिया है , साहेब अब शर्बत पीना बंद कीजिये जमाना कोक , पेप्सी का है। मुसीबत मे फस सकते है । बंद कीजिये ये सब कि 40 साला का बूढ़ा प्रतिभोज के नाम पर समाज को रिश्वत खिला कर आसानी से उस 14 साल की बच्ची जिसे हम जैसो ने उसकी अघोषित बीवी बना दिया है उसको बिस्तर मे नोचने का , लाइसेन्स दे देते है, और वो सस्ती संतरा छाप दारू पिये मुह मे बदबू को लिए बिस्तर मे अपनी हवस को बिखेरता है , आज वो बाप दादा का जमाना लद गया है कि सब्जी मे नमक कम तो पूरा कूक्कर रसोई से बाहर फेंक दिया जाता था । मुझे सच मे इंतेजर है उस दिन का जब औरत बोलेगी कि चल बे चूतिये उठ मे तेरे साथ सोने के लिए नहीं , तेरे गंदे अंडरवियर धोने के लिए नहीं मे भी खुछ हु मेरा भी दिल है । क्यू रिलेशन मे लड़की दबने लगती है जबकि सारा मालिकाना हक तो लड़की के पास होता है , और हम लड़के उस तरह रौब जमाने लगते है जैसे कोई किराएदार जिसमे मे वो रह रहा है और उस घर पर कब्जा जमा लेता है । तू इस से नहीं बोलेगी , ये नहीं पहनेगी , वो नहीं करेगी । क्या हम लड़को ने लड़की को सेंटर फ्रेश चिव्ङ्गुम समझ लिया है कि मिठास और ठंडक खतम तो फेंक दिया । मै कोममेंट्स मे इस नासमझ पुर्षवर्ग कि बोखलाहट को देखना चाहता हु, और असली बदलाव उस दिन आएगा जब महिला बिस्तर मे मर्द के ऊपर होगी और मर्द नीचे ।