Wednesday 18 December 2013

प्यार को प्यार रहने दो

 प्यार को प्यार रहने दो
कल लंचबॉक्स फिर से एक बार देखी । क्या खूब दिखया है रितेश बतरा ने , चिठी से शुरू हुई सस्ती बात प्यार मे बदल जाती है , ईला के पति का उसका हाथ ना लगाना , हमारा दिल बहुत छोटा होता है आप इसमे ज्यादा बातें नहीं समेट सकते है आपके पास कोई होना चाहिए जिस से आप उन्हे हल्का कर सके । प्यार जब होता है जिंदगी अच्छी लागने लगती है, आज आपकी ,हमारी तरह नहीं की लड़की को फिल्म दिखाने के बाद रो रहे होते है यार 500 रुपे लगा दिये और 200 के पॉप्कॉर्न खिला दिये और साली ने किस तो क्या हाथ भी नहीं लगाने दिया । इरफान , ईला के कहने पर सिगरेट छोड़ देता है और रात को हाथ से नकली सिगरेट पीता है , भूटान का रेडियो स्टेशन सुनने लगता है , जो कभी ट्रेन मे बीच भीड़ मे खड़ा हो कर जाता था वो खिड़की पर खड़ा हो कर जाता है , इरफान के उड़ते हुए बाल हवा मे उसके अंदर पैदा हुए प्यार को दिखाता है, ऐसे छोटे -छोटे बहुत से सीन है जिनहे भूलना मुश्किल है , और बाद मे अपनी सहूलियत ना देख कर , ईला का ख्याल कर उस से नहीं मिलता है , हमने प्यार को जनपथ मे मिलने वाली 50 रुपे मे 6 जुराब की जोड़ी की तरह सस्ता बना दिया है ,
असुविधा के लिए खेद है , साथी ज्यादा सोचिए मत, खुछ कहने का दिल करता है , सच्ची और वो बात आह की माँ बोलती है ऐसा बोलने से बात मे वजन आता है ।

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