Tuesday 24 March 2015

डायल किया गया नंबर वैध नहीं है

लड़की उदास है , और फ़ोन बंद , तमाम कोशिशें करने के बाद वो सुनता है तेरी उम्मीद पे ठुकरा रहा हूँ दुनिया को  और उसके नाम चिठ्ठी लिख कर सो जाता है , लड़की के उदास होने के अपने कारण थे जिसे वो लड़का नहीं जान पा रहा था , इन कारणों का एक हिस्सा उसने भी रंगा था किसी बेख्याली में ,  बस वो इतना जान पा रहा था की उसकी उदासी से  उसके शहर में बेमौसमी लू चलने लगी थी , लोगो ने घरो से निकलना बंद कर दिया था , उसके साथ साथ शहर भी सांसे लेना भूल रहा था , जैसे जैसे परछाई डूबने लगती थी उस लड़के को उसका होना चाहिए होता था बेतरह टाइप वाला , उसके होने से शहर में चाँद सी ठंडक रहती थी लोग पीली रौशनी में बैठ कविताओं को सच करते थे , उसके बिना उस लड़के के दिल में था एक डर ,  , नहाते वक्त पानी के बीच ली सहमी सी साँसे , मरे हुए परिंदे , जला हुआ पेड, टूटी हुई चूडियाँ ,सुनी मांग , खारी आँखे , पुराना श्मशान का सपना , ठंडी चिता , रूकी हुई घडी , सुन्न होते हाथ , टूटी कलम , काले पन्ने , सिलन भरी दीवार , बिना कपडो के दिसंबर मे स्टेशन पर पडी लडकी ,  गुम होते सिक्के , खुद ब खुद  डायरी मे  आत्महत्या करते सुखद पन्ने , ट्रेन मे छूटी किताब , खुरदरा असहनीय स्पर्श , बारिश में धुली तस्वीरें , उसके बिना दिन भर की थकान के बाद होती है और थकान , उसका होना सम्भावनों का होना था उस लड़के के लिए, बीच रात मे फिर उठता है और सुनता है डायल किया गया नम्बर स्विच आफ है .

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